बाल समय रवि भक्षी लियो तब तीनो लोक भयो अंधियारो
ताहि सों त्रास भयो जग को यह संकट काहू सो जात न टारो ||
देवन आनि करी बिनती तब छाडी दियो रबि कष्ट निवारो
को नहीं जानत है जग में कपि संकट मोचन नाम तिहारो ||
भगवान् राम के परमभक्त सभी के संकट को हरने वाले दुष्टों का संहार करने वाले पवन सुत श्री संकटमोचन हनुमान का पवित्र और प्राचीन मंदिर काशी में स्थित है जिसकी मान्यता बहुत है| कहा जाता है कि इस मंदिर की मूर्ती की स्थापना श्रीरामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी ने स्वयं सन 1608-1611 में अपने हाथो से की थी और उसे स्वयं निर्मित भी किया था, इस मूर्ती की विशेषता यह है कि यह मिट्टी से निर्मित है | मन्दिर के गर्भगृह के ठीक सामने राम जानकी और लक्ष्मण भी स्थापित हैं जिसका अर्थ यह है कि भगवान् श्री राम सदैव हनुमान के ह्रदय में निवास करते हैं| जहाँ राम हैं वहाँ हनुमान स्वयं हैं और जहाँ हनुमान हैं वहां राम भी स्वयं हैं दोनों ही एक दूजे के बिना अपूर्ण हैं|
श्रीरामचरितमानस का अधिकाँश भाग यहीं बैठकर तुलसीदास जी ने लिखा था आज भी जिसकी पांडुलिपि तुलसीघाट के किनारे स्थित तुलसीदास जी के प्राचीन निवास स्थान में सुरक्षित रूप से रखी हुई है|
ऐसा माना जाता है कि जहाँ आज संकटमोचन मंदिर है वहीँ साक्षात हनुमान जी ने तुलसीदास जी को दर्शन दिया था इसलिए तुलसीदास जी ने संकटमोचन मन्दिर की स्थापना की इस मन्दिर का नामकरण भी तुलसीदास जी के द्वारा ही किया गया | प्रारम्भ में इसका स्वरुप लघु था लेकिन सन 1900 में पं महामना मदन मोहन मालवीय जी ने इस मन्दिर का व्यवस्थित निर्माण करवाया तब से लेकर अब तक निरंतर श्रद्धालु देश विदेश दूर दराज़ से यहाँ अपनी श्रद्धा अर्पित करने आते रहते हैं|
मन्दिर के संचालन और उसकी देख रेख के लिए मंदिर के महंत श्री वीरभद्र मिश्र द्वारा संकटमोचन फाउंडेशन की स्ठापना हुई प्रो.वीरभद्र मिश्र जी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बी एच यू में सिविल इंजीनियरिंग के आचार्य थे, वे एक कुशल पखावज वादक भी थे साथ ही गंगा स्वच्छता के कार्यक्रम से भी जुड़े थे| जिसके लिए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय सम्मान भी प्राप्त हुआ | वर्तमान में इनके ही सुपुत्र प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र जी महंत की पदवी को सम्हाल रहे हैं और मंदिर का संचालन कुशलतापूर्वक कर रहे हैं|
चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हनुमान जयन्ती यहाँ बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है, जिस अवसर पर पांच-छह दिवसीय या साप्ताहिक सांगीतिक कार्यक्रम भव्य रूप में मनाया जाता है, जिसमें देश के बहुत से ख्यातिलब्ध कलाकार अपनी कला के द्वारा बाबा संकटमोचन के दरबार में अर्जी लगाते हैं | पाँचों दिन सारी संगीत और नृत्य का कार्यक्रम चलता रहता है| कलाकार बिना किसी शुल्क के अपना कार्यक्रम श्रद्धाभाव से प्रस्तुत करते हैं, जिसका आनंद लेने के लिए हजारों दर्शक और श्रोतागण आते हैं| इस उत्सव के समय मंदिर का वातावरण संगीतमय हो जाता है|
लोगों का ऐसा मानना है कि भगवान् संकट मोचन सभी के दुखों को हरते हैं और किसीको भी खालीहाथ जाने नहीं देते सभी की झोली भरते हैं| जो उनके सच्चे भक्त हैं वो उनके ह्रदय में बसते हैं| तभी तो काशी आने वाला या रहने वाला हर छोटा बड़ा इनके चरणों में आकर मत्था ज़रूर टेकता है|
Know More about Music Festival2020 Sankat Mochan Music Festival has been scheduled between 12th April 2020 to 17th April 2020, Due to COVID’19 dates are not confirmed yet.
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